Devi Kshama Prathana Stotram (देवी क्षमा प्रथन स्तोत्रं) in Sanskrit with meaning in English & Hindi

अपराध सहस्राणि कृयन्थे आहर्निसं मया,
दासो आयमिथि मां मथ्व क्शमस्व परमेश्वरि. 1

आवजनं न जानामि, न जानामि विसर्जनम्,
पूजां चैव न जानामि, क्षंयथं अरमेश्वरि. 2

मन्थ्रहीनम् , क्रियाहीनं, भक्थिहीनं, श्रुरेस्वरि,
यतः पूजिथं मया देवी परिपूर्णं थादस्थुथे. 3

आपराध स्थं क्रुथ्व जगदंबेथि चो उचरतः,
यं गथिं संवप्नोथे न थां ब्रह्मदाय सुरा. 4

सपरधोस्मि सरणं प्रथस्थ्वं जगदम्बिके,
इधनी मनु कंप्योऽहं यदेच्छसि तदा कुरु. 5

अज्ञान स्मृथेर्ब्रन्थ्य यन्यूनं अधिकं कर्थं.
ततः सर्व क्षंयधं देवी प्रसीध परमेश्वरि. 6

ख़मेश्वरि जगन्मथ सचिदनन्द विग्रहे,
ग़्रहनर्चमीमम् प्रीथ्य प्रसीद परमेश्वरि. 7

गुह्यधि गुह्य गोप्थ्री ग्रहण अस्मद कर्थं जपं,
सिधिर भवथु मेय देवी थ्वत् प्रसादतः सुरेश्वरि. 8

Meaning in English

Oh great goddess, I commit thousands of offences routinely,
So please think me as your slave and please pardon me. 1

I do not how to invoke you, nor do I know how do send you away,
And I also do not know how to worship you, and please pardon me. 2

I do not know chants or holy action or devotion, Oh God of the devas,
And so whatever worship I do, please make it complete. 3

If one calls you, Mother of the universe and commits hundred mistakes,
Still you look after his salvation, and this cannot be done by Brahma and other devas. 4

Oh mother of the universe, having committed several mistakes I seek your refuge,
And please decide on the fate of this shivering one according to your wishes. 5

Oh great goddess I have done all this due to ignorance and wayward thoughts,
And so excuse them all and be pleased with me. 6

Oh Goddess of love, Oh mother of the world, Oh source of eternal happiness,
Please accept my worship and with love become pleased with me. 7

Oh goddess who is secret of secrets, Please accept the chanting done by me,
And make me powerful, through your grace, Oh Goddess of the devas. 8

Meaning in Hindi

क्षमा प्रार्थना
परमेश्वरी! मेरे द्वारा रात-दिन सहस्त्रों अपराध होते रहते है. 
'यह मेरा दास है' यों समझकर मेरे उन अपराधो को तुम कृपापूर्वक क्षमा करो. 

परमेश्वरी , मै आह्वान नहीं जानता, विसर्जन करना नहीं जानता तथा पूजा करने का ढंग भी नहीं जानता , 

माँ मुझे क्षमा करे. देवि सुरेश्वरी! मैंने जो मन्त्रहीन , क्रियाहीन और भक्तिहीन पूजन किया है, वह सब आपकी कृपा से पूर्ण हो. 

सैंकड़ो अपराध करके भी जो तुम्हारी शरण में जा 'जगदम्ब' कहकर पुकारता है, 
उसे वह गति प्राप्त होती है, जो ब्रेह्मादी देवताओं के लीये भी सुलभ नहीं है. 

जगदम्बिके! मै अपराधी हु. किन्तु तुम्हारी शरण में आया हु. इस समय दया का पात्र हु. तुम जैसा चाहो, करो... 

देवि! परमेश्वरी! अज्ञान से , भूल से अथवा बुद्धि भ्रांत होने के कारण मैंने जो न्यूनता या अधिकता कर दी हो, 
वह सब क्षमा करो और प्रसन्न होवो . 

सच्चिदानन्दस्वरूपा परमेश्वरी! जगन्माता कामेश्वरी! तुम प्रेमपूर्वक मेरी यह पूजा स्वीकार करो और मुझ संजय पर प्रसन्न रहो. 

देवि सुरेश्वरी! तुम गोपनीय से भी गोपनीय वास्तु की रक्षा करनेवाली हो.. 
मेरे निवेदन किये हुए इस जप को ग्रहण करो. तुम्हारी कृपा से मुझे सिद्धि प्राप्त हो माँ. 

जय माता दी जी. माँ सब का कल्याण करो.

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